Feb 12, 2021
अनुत्तरित कविताएँ
1)
मैंने तस्वीरें नहीं खींची
दृश्यों को आँखों में जीवित रखा।
उन्हें अश्रुओं से नमी और नमक मिला
आज वे नमक का कर्ज चुकाते हैं
मेरे सपनो में रोज वे लहलहाते हैं।
2)
वो तमाम बातें
जो मै तुमसे कहना चाहता हूँ
कविताओं मे लिखता हूँ
कविताएँ अपने गंतव्य को चलती है
रास्ते में कई बार,
शब्दो के अर्थ बदल जाते है
या शब्द अर्थ खो देते हैं
और कविताएँ अनुत्तरित रह जाती हैं।